श्रीमद् भागवतम
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भगवद गीता
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भागवत पुराण
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स्कन्ध 1: सृष्टि
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स्कन्ध 1: सृष्टि
अध्याय 1: मुनियों की जिज्ञासा
अध्याय 2: दिव्यता तथा दिव्य सेवा
अध्याय 3: समस्त अवतारों के स्रोत : कृष्ण
अध्याय 4: श्री नारद का प्राकट्य
अध्याय 5: नारद द्वारा व्यासदेव को श्रीमद्भागवत के विषय में आदेश
अध्याय 6: नारद तथा व्यासदेव का संवाद
अध्याय 7: द्रोण-पुत्र को दण्ड
अध्याय 8: महारानी कुन्ती द्वारा प्रार्थना तथा परीक्षित की रक्षा
अध्याय 9: भगवान् कृष्ण की उपस्थिति में भीष्मदेव का देह-त्याग
अध्याय 10: द्वारका के लिए भगवान् कृष्ण का प्रस्थान
अध्याय 11: भगवान् श्रीकृष्ण का द्वारका में प्रवेश
अध्याय 12: सम्राट परीक्षित का जन्म
अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग
अध्याय 14: भगवान् श्रीकृष्ण का अन्तर्धान होना
अध्याय 15: पाण्डवों की सामयिक निवृत्ति
अध्याय 16: परीक्षित ने कलियुग का सत्कार किस तरह किया
अध्याय 17: कलि को दण्ड तथा पुरस्कार
अध्याय 18: ब्राह्मण बालक द्वारा महाराज परीक्षित को शाप
अध्याय 19: शुकदेव गोस्वामी का प्रकट होना
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥