तत:—तत्पश्चात्; राज्ञा—राजा द्वारा; अभ्यनुज्ञात:—अनुमति दिये जाने पर; कृष्णया—द्रौपदी से भी; सह—सहित; बन्धुभि:— अन्य सम्बन्धियों के साथ; ययौ—गये; द्वारवतीम्—द्वारका धाम; ब्रह्मन्—हे ब्राह्मणों; स-अर्जुन:—अर्जुन के सहित; यदुभि:— यदुवंश के सदस्यों से; वृत:—घिरे हुए ।.
अनुवाद
हे शौनक, तत्पश्चात् भगवान् ने राजा युधिष्ठिर, द्रौपदी तथा अन्य सम्बन्धियों से विदा लेकर, अर्जुन तथा यदुवंश के अन्य सदस्यों के साथ, द्वारका नगरी के लिए प्रस्थान किया।
इस प्रकार श्रीमद्भागवत के प्रथम स्कंध के अन्तर्गत “सम्राट परीक्षित का जन्म” नामक बारहवें अध्याय के भक्तिवेदान्त तात्पर्य पूर्ण हुए।
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All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥