इति—इस प्रकार; उक्त:—पूछे जाने पर; धर्म-राजेन—राजा युधिष्ठिर द्वारा; सर्वम्—सब कुछ; तत्—यह; समवर्णयत्—ठीक से वर्णन किया; यथा-अनुभूतम्—जैसा उसने अनुभव किया था; क्रमश:—एक के बाद एक; विना—रहित; यदु-कुल-क्षयम्— यदुवंश का विनाश ।.
अनुवाद
महाराज युधिष्ठिर द्वारा इस तरह पूछे जाने पर महात्मा विदुर ने क्रमश: सब कुछ कह सुनाया, जिसका उन्होंने स्वयं अनुभव किया था। केवल यदुवंश के विनाश की बात उन्होंने नहीं कही।
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