अतएव तुम आत्मा को न जानने के कारण उत्पन्न अपनी चिन्ता छोड़ दो। अब आप यह सोच रहे है कि वे असहाय जीव तुम्हारे बिना किस तरह रहेंगे।
तात्पर्य
जब हम अपने सगे-सम्बन्धियों को असहाय तथा अपने ऊपर आश्रित सोचते हैं, तो यह अज्ञान के कारण होता है। परमेश्वर के आदेश से प्रत्येक जीव को इस संसार में उसकी अर्जित स्थिति के अनुसार सुरक्षा प्रदान की गई है। भगवान् भूत-भृत् कहलाते हैं, अर्थात् वे जो सभी जीवों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। मनुष्य को केवल अपना कर्तव्य पालन करना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर के अतिरिक्त अन्य कोई किसी को भी सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता। अगले श्लोक में इसकी स्पष्ट व्याख्या की गई है।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.