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श्लोक 1.14.7  |
गता: सप्ताधुना मासा भीमसेन तवानुज: ।
नायाति कस्य वा हेतोर्नाहं वेदेदमञ्जसा ॥ ७ ॥ |
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शब्दार्थ |
गता:—बीत चुके; सप्त—सात; अधुना—इस समय तक; मासा:—महीने; भीमसेन—हे भीमसेन; तव—तुम्हारा; अनुज:— छोटा भाई; न—नहीं; आयाति—आता है; कस्य—किसलिए; वा—अथवा; हेतो:—कारण; न—नहीं; अहम्—मैं; वेद— जानता हूँ; इदम्—यह; अञ्जसा—वास्तव में ।. |
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अनुवाद |
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जब से वह गया है, तब से सात मास बीत चुके हैं, फिर भी वह लौटा नहीं। मुझे ठीक से पता नहीं है कि वहाँ क्या हो रहा है। |
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