तयो:—उनके मध्य; एवम्—इस प्रकार; कथयतो:—वार्ता में संलग्न; पृथिवी—पृथ्वी; धर्मयो:—तथा धर्म दोनों; तदा—उस समय; परीक्षित्—राजा परीक्षित; नाम—नामक; राज-ऋषि:—राजाओं में ऋषि-तुल्य; प्राप्त:—आ गये; प्राचीम्—पूर्व वाहिनी; सरस्वतीम्—सरस्वती नदी के तट पर ।.
अनुवाद
जब पृथ्वी तथा धर्म-पुरुष इस प्रकार बातों में संलग्न थे, तो राजर्षि परीक्षित पूर्व की ओर बहनेवाली सरस्वती नदी के तट पर पहुँच गये।
इस प्रकार श्रीमद्भागवत के प्रथम स्कंध के अन्तर्गत ‘परीक्षित ने कलियुग का सत्कार किस तरह किया’ नामक सोलहवें अध्याय के भक्तिवेदान्त तात्पर्य पूर्ण हुए।
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