इस प्रकार उत्तरा के पुत्र, महाराज परीक्षित के निर्देश से कलि को उन पाँच स्थानों में रहने की अनुमति मिल गई।
तात्पर्य
इस प्रकार कलियुग का समारम्भ स्वर्ण के मानकीकरण से हुआ, अतएव विश्वभर में असत्य, नशा, पशुवध तथा वेश्यावृत्ति का बोलबाला है और बुद्धिमान लोग भ्रष्टाचार को भगाने के लिए इच्छुक हैं। ऊपर, इनसे बचाव की विधि बताई गई है और हर एक व्यक्ति इस सुझाव से लाभ उठा सकता है।
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