जब तक अभिमन्यु का महान्-शक्तिशाली पुत्र संसार का सम्राट बना हुआ है, तब तक कलि के पनपने की कोई गुंजाइश नहीं है।
तात्पर्य
जैसाकि पहले बताया जा चुका है, कलि ने इस पृथ्वी में बहुत पहले प्रवेश पा लिया था और वह सारे संसार में अपना प्रभाव फैलाने की ताक में था। किन्तु महाराज परीक्षित की उपस्थिति के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहा था। यही अच्छे प्रशासन का ढंग है। कलि जैसे उपद्रवी तत्त्व सदा ही अपने निन्द्य कृत्यों को फैलाना चाहेंगे, लेकिन सक्षम राज्य का कर्तव्य है कि सभी प्रकार से इन्हें रोके। यद्यपि महाराज परीक्षित ने कलि के लिए कुछ स्थान नियत कर दिये थे, किन्तु उसी के साथ-साथ उन्होंने प्रजा को इसका अवसर नहीं दिया कि वे कलि के प्रभाव में बह जाँय।
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