एक बार सूर्योदय होते ही उन्होंने (व्यासदेव ने) सरस्वती के जल से प्रात:कालीन आचमन किया और मन एकाग्र करने के लिए वे एकान्त में बैठ गये।
तात्पर्य
सरस्वती नदी हिमालय पर्वत के बदरिकाश्रम क्षेत्र में बहती है। अतएव यहाँ पर जिस स्थान को इंगित किया गया है, वह बदरिकाश्रम में ‘शम्याप्रास’ है, जहाँ श्री व्यासदेव रह रहे हैं।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.