एक बार जब मेरी माँ बेचारी रात्रि के समय गाय दुहने जा रही थी, तो परम काल से प्रेरित एक सर्प ने मेरी माता के पाँव में डस लिया।
तात्पर्य
एक सत्यनिष्ठ आत्मा को ईश्वर के पास खींच लाने की यह विधि है। बेचारा बालक केवल अपनी स्नेहमयी माता की देख-भाल में रह रहा था, तो भी उसकी माता को परम इच्छा के फलस्वरूप इस संसार से उठा लिया गया, जिससे वह बालक पूर्ण रूप से भगवान् की कृपा पर आश्रित हो जाय।
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