विमुच्य—उसे छोड़ देने पर; रशना-बद्धम्—रस्सियों के बन्धन से; बाल-हत्या—बालकों के वध से; हत-प्रभम्— शारीरिक कान्ति का क्षय; तेजसा—शक्ति से; मणिना—मणि से; हीनम्—रहित; शिबिरात्—शिविर से; निरयापयत्— निकाल भगाया ।.
अनुवाद
बालहत्या के कारण वह (अश्वत्थामा) पहले ही अपनी शारीरिक कान्ति खो चुका था और अब, अपनी शीर्ष मणि खोकर, वह शक्ति से भी हीन हो गया। इस प्रकार उसकी रस्सियाँ खोल कर उसे शिविर से बाहर भगा दिया गया।
तात्पर्य
इस प्रकार भगवान् कृष्ण तथा अर्जुन की बुद्धि के कारण अपमानित अश्वत्थामा, एक ही साथ, मारा भी गया और नहीं भी मारा गया।
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