श्रीमद् भागवतम
 
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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 19: दावानल पान  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  10.19.9 
कृष्ण कृष्ण महावीर हे रामामोघविक्रम ।
दावाग्निना दह्यमानान् प्रपन्नांस्त्रातुमर्हथ: ॥ ९ ॥
 
शब्दार्थ
कृष्ण कृष्ण—हे कृष्ण, हे कृष्ण; महा-वीर—हे अत्यन्त बलशाली; हे राम—हे राम; अमोघ-विक्रम—अमोघ शक्तिवाले; दाव- अग्निना—जंगल की आग से; दह्यमानान्—जलते हुओं को; प्रपन्नान्—शरणागतों को; त्रातुम् अर्हथ:—कृपया बचायें ।.
 
अनुवाद
 
 [ग्वालबालों ने कहा] हे कृष्ण, हे कृष्ण, हे महावीर, हे राम, हे अमोघ शक्तिशाली, कृपा करके अपने उन भक्तों को बचायें जो जंगल की इस अग्नि से जलने ही वाले हैं और आपकी शरण में आये हैं।
 
 
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥