शुकदेव गोस्वामी ने कहा : हेमन्त ऋतु के पहले मास में गोकुल की अविवाहिता लड़कियों ने कात्यायनी देवी का पूजा-व्रत रखा। पूरे मास उन्होंने बिना मसाले की खिचड़ी खाई।
तात्पर्य
हेमन्ते शब्द मार्गशीर्ष मास का सूचक है, जो पाश्चात्य कैलेंडर के अनुसार लगभग मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर तक का समय है। श्रील प्रभुपाद ने भगवान् श्रीकृष्ण (भाग १, अध्याय २२) में टीका की है कि सर्वप्रथम गोपियों ने हविष्यान्न खाया। यह हविष्यान्न एक प्रकार का भोजन है, जो मूँग की दाल तथा चावल को एक साथ पकाकर तैयार किया जाता है, जिसमें हल्दी या कोई मसाला नहीं डाला जाता। वैदिक आदेशानुसार इस तरह का भोजन किसी अनुष्ठान को करने के पूर्व शरीर शुद्धि हेतु किया जाता है।
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