[ग्वालों ने कहा]: जब यह बालक ऐसे अद्भुत कार्य करता है, तो फिर किस तरह हम जैसे संसारी व्यक्तियों के बीच उसने जन्म लिया? ऐसा जन्म तो उसके लिए घृणित लगेगा।
तात्पर्य
सामान्य जीव अप्रिय परिस्थितियों से अपने को नहीं बचा सकता किन्तु परम नियन्ता हमेशा अपनी इच्छा के अनुसार पूर्ण व्यवस्था कर सकता है।
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