एक बार उनकी माता ने उन्हें रस्सियों से एक ऊखल से बाँध दिया क्योंकि माता ने उन्हें मक्खन चुराते पकड़ लिया था। तब वे अपने हाथों के बल रेंगते हुए उस ऊखल को दो अर्जुन वृक्षों के बीच खींच ले गये और उन वृक्षों को उखाड़ डाला।
तात्पर्य
ये दोनों अर्जुन वृक्ष पुराने तथा मोटे थे और कृष्ण के आँगन के ऊपर उठे हुए थे। फिर भी इस नटखट बालक ने उन्हें आसानी से धराशायी कर दिया।
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