कुछ अन्य लोग भी हैं, जो आपकी पूजा भगवान् शिव के रूप में करते हैं। वे उनके द्वारा बताये गये तथा अनेक उपदेशकों द्वारा नाना प्रकार से व्याख्यायित मार्ग का अनुसरण करते हैं।
तात्पर्य
त्वाम् एव शब्द (“तुम भी”) सूचित करते हैं कि शिवजी के पूजन का मार्ग अप्रत्यक्ष है अतएव निकृष्ट है। अक्रूर कृष्ण या विष्णु की प्रत्यक्ष पूजा अपनी स्तुति द्वारा करने के कारण श्रेष्ठ विधि का पालन कर रहे हैं।
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