भगवान् तुरन्त बिस्तर से उतर आये। चार भुजाएँ प्रकट करते हुए उन्होंने उन्हें (रुक्मिणी को) उठाया, उनके बाल ठीक-ठाक किए और अपने कर-कमलों से उनका मुख सहलाया।
तात्पर्य
भगवान् ने चार भुजाएँ इसलिए प्रकट कीं कि वे सारे कार्य एकसाथ पूरा कर सकें।
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