भगवान् ने कहा : हे वैदर्भी, तुम मुझसे नाराज मत होओ। मैं जानता हूँ कि तुम पूरी तरह मुझमें समर्पित हो। हे प्रिय देवी, मैंने तो ठिठोली में ऐसा कहा था क्योंकि मैं सुनना चाहता था कि तुम क्या कहोगी।
तात्पर्य
श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती के अनुसार भगवान् कृष्ण ने यह उक्ति इसलिए कही क्योंकि उन्होंने सोचा कि यदि वे उन्हें विचलित करने के लिए और कुछ कहेंगे तो वे डर जायेंगी या फिर उनके किये हुए पर वे रुष्ट हो जायेंगी।
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