श्री-राजा उवाच—राजा (परीक्षित महाराज) ने कहा; बाणस्य—बाणासुर की; तनयाम्—पुत्री; ऊषाम्—उषा को; उपयेमे— ब्याहा; यदु-उत्तम:—यदुओं में श्रेष्ठ (अनिरुद्ध ने); तत्र—उसी सन्दर्भ में; युद्धम्—युद्ध; अभूत्—हुआ; घोरम्—भयावह; हरि शङ्करयो:—हरि (कृष्ण) तथा शंकर (शिव) के बीच; महत्—महान्; एतत्—यह; सर्वम्—सब; महा-योगिन्—हे महान् योगी; समाख्यातुम्—बतलाने के लिए; त्वम्—तुम; अर्हसि—योग्य हो ।.
अनुवाद
राजा परीक्षित ने कहा : यदुओं में श्रेष्ठ (अनिरुद्ध) ने बाणासुर की पुत्री ऊषा से विवाह किया। फलस्वरूप हरि तथा शंकर के बीच महान् युद्ध हुआ। हे महायोगी, कृपा करके इस घटना के विषय में विस्तार से बतलाइये।
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