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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 76: शाल्व तथा वृष्णियों के मध्य युद्ध  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  10.76.3 
शाल्व: प्रतिज्ञामकरोच्छृण्वतां सर्वभूभुजाम् ।
अयादवां क्ष्मां करिष्ये पौरुषं मम पश्यत ॥ ३ ॥
 
शब्दार्थ
शाल्व:—शाल्व ने; प्रतिज्ञाम्—प्रतिज्ञा; अकरोत्—की; शृण्वताम्—सुनते हुए; सर्व—सभी; भू-भुजाम्—राजाओं के; अयादवाम्—यादवों से विहीन; क्ष्माम्—पृथ्वी को; करिष्ये—करूँगा; पौरुषम्—पराक्रम; मम—मेरा; पश्यत—जरा देखो ।.
 
अनुवाद
 
 शाल्व ने समस्त राजाओं के समक्ष प्रतिज्ञा की, “मैं पृथ्वी को यादवों से विहीन कर दूँगा। जरा मेरे पराक्रम को देखो।”
 
 
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