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श्लोक 12.1.28  |
ततोऽष्टौ यवना भाव्याश्चतुर्दश तुरुष्कका: ।
भूयो दश गुरुण्डाश्च मौला एकादशैव तु ॥ २८ ॥ |
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शब्दार्थ |
तत:—तत्पश्चात्; अष्टौ—आठ; यवना:—यवनगण; भाव्या:—होंगे; चतु:-दश—चौदह; तुरुष्कका:—तुरुष्क; भूय:— इसके भी आगे; दश—दस; गुरुण्डा:—गुरुण्ड; च—तथा; मौला:—मौल; एकादश—ग्यारह; एव—निस्सन्देह; तु— तथा ।. |
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अनुवाद |
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तब आठ यवन शासन सँभालेंगे जिनके बाद चौदह तुरुष्क, दस गुरुण्ड तथा ग्यारह मौल वंश के राजा होंगे। |
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