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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 11: महापुरुष का संक्षिप्त वर्णन  »  श्लोक 34
 
 
श्लोक  12.11.34 
अर्यमा पुलहोऽथौजा: प्रहेति: पुञ्जिकस्थली ।
नारद: कच्छनीरश्च नयन्त्येते स्म माधवम् ॥ ३४ ॥
 
शब्दार्थ
अर्यमा पुलह: अथौजा:—अर्यमा, पुलह तथा अथौजा; प्रहेति: पुञ्जिकस्थली—प्रहेति तथा पुञ्जिकस्थली; नारद: कच्छनीर:—नारद तथा कच्छनीर; —भी; नयन्ति—शासन करते हैं; एते—ये; स्म—निस्सन्देह; माधवम्—माधव (वैशाख) मास में ।.
 
अनुवाद
 
 माधव मास पर, अर्यमा सूर्य, पुलह मुनि, अथौजा यक्ष, प्रहेति राक्षस, पुञ्जिकस्थली अप्सरा, नारद गंधर्व तथा कच्छनीर नाग के रूप में, शासन करते हैं।
 
 
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