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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 11: महापुरुष का संक्षिप्त वर्णन  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  12.11.41 
अथांशु: कश्यपस्तार्क्ष्य ऋतसेनस्तथोर्वशी ।
विद्युच्छत्रुर्महाशङ्ख: सहोमासं नयन्त्यमी ॥ ४१ ॥
 
शब्दार्थ
अथ—तब; अंशु: कश्यप: तार्क्ष्य:—अंशु, कश्यप तथा तार्क्ष्य; ऋतसेन:—ऋतसेन; तथा—और; उर्वशी—उर्वशी; विद्युच्छत्रु: महाशङ्ख:—विद्युच्छत्रु तथा महाशंख; सह:-मासम्—सहस मास (मार्गशीर्ष); नयन्ति—शासन करते हैं; अमी—ये ।.
 
अनुवाद
 
 सहस् मास पर, अंशु सूर्य देव, कश्यप मुनि, तार्क्ष्य यक्ष, ऋतसेन गन्धर्व, उर्वशी अप्सरा, विद्युच्छत्रु राक्षस तथा महाशंख नाग के रूप में शासन चलाते हैं।
 
 
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