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श्लोक 41
श्लोक
12.11.41
अथांशु: कश्यपस्तार्क्ष्य ऋतसेनस्तथोर्वशी ।
विद्युच्छत्रुर्महाशङ्ख: सहोमासं नयन्त्यमी ॥ ४१ ॥
शब्दार्थ
अथ
—तब;
अंशु: कश्यप
: तार्क्ष्य:—अंशु, कश्यप तथा तार्क्ष्य;
ऋतसेन:
—ऋतसेन;
तथा
—और;
उर्वशी
—उर्वशी;
विद्युच्छत्रु: महाशङ्ख
:—विद्युच्छत्रु तथा महाशंख;
सह:-मासम्
—सहस मास (मार्गशीर्ष);
नयन्ति
—शासन करते हैं;
अमी
—ये ।.
अनुवाद
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सहस् मास पर, अंशु सूर्य देव, कश्यप मुनि, तार्क्ष्य यक्ष, ऋतसेन गन्धर्व, उर्वशी अप्सरा, विद्युच्छत्रु राक्षस तथा महाशंख नाग के रूप में शासन चलाते हैं।
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