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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 2: कलियुग के लक्षण  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  12.2.23 
यदावतीर्णो भगवान् कल्किर्धर्मपतिर्हरि: ।
कृतं भविष्यति तदा प्रजासूतिश्च सात्त्विकी ॥ २३ ॥
 
शब्दार्थ
यदा—जब; अवतीर्ण:—अवतरित; भगवान्—भगवान्; कल्कि:—कल्कि; धर्म-पति:—धर्म के स्वामी; हरि:—भगवान्; कृतम्—सत्ययुग; भविष्यति—शुरू होगा; तदा—तब; प्रजा-सूति:—प्रजा की उत्पत्ति; —तथा; सात्त्विकी— सतोगुणी ।.
 
अनुवाद
 
 जब पृथ्वी पर धर्म के पालनहारे भगवान्, कल्कि के रूप में, प्रकट हो चुकेंगे, तो सत्ययुग प्रारम्भ होगा और मानव समाज सात्विक सन्तानें उत्पन्न करेगा।
 
 
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