उनकी कमर अलंकृत करधनी से सुशोभित है और उनकी अंगुलियों में बहुमूल्य रत्नों से जटित अँगूठियाँ हैं। उनके नूपुर, उनके कंकण, उनके घुँघराले नीले रंग के चिकने बाल तथा उनका सुन्दर मुस्कान-युक्त मुख—ये सभी अत्यन्त लुभावने हैं।
तात्पर्य
भगवान् सर्वाधिक सुन्दर पुरुष हैं। श्रील शुकदेव गोस्वामी उनके अंग-प्रत्यंग के दिव्य सौन्दर्य का वर्णन निर्विशेषवादियों को यह पाठ पढ़ाने के लिए करते हैं कि भगवान् पूजा की सुविधा के लिए भक्त की कोरी कल्पना नहीं हैं, अपितु यथार्थ में और स्वरुप से परम पुरुष हैं। परम सत्य का निराकार स्वरूप उनका विकिरण मात्र है, जिस तरह सूर्य की किरणें सूर्य के विकिरण हैं।
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