उनके शरीर की ऊपरी सतह सभी वस्तुओं के सार एवं समस्त शुभ अवसरों की जन्म-स्थली है। उनकी त्वचा गतिशील वायु की भाँति सभी प्रकार के स्पर्श का उद्गम तथा समस्त प्रकार के यज्ञों को सम्पन्न करने का स्थान है।
तात्पर्य
वायु सारे लोकों का गतिशील तत्त्व है, अतएव इच्छित लोकों को जाने के जनन-केन्द्र हैं, ये यज्ञ उनके शरीर का ऊपरी सतह हैं और समस्त शुभ अवसरों के उद्गम हैं।
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