प्रथम स्कंध में मनु के अवतारों की व्याख्या की जा चुकी है। ब्रह्मा के एक दिन में एक-एक करके चौदह मनु बदलते हैं। इस प्रकार से ब्रह्मा के एक मास में ४२० मनु और एक वर्ष में ५,०४० मनु होते हैं। अपनी गणना के अनुसार, ब्रह्माजी १०० वर्ष तक जीवित रहते हैं, अत: एक ब्रह्मा की जीवन अवधि में ५,०४,००० मनु होते हैं। ऐसे ब्रह्मा असंख्य हैं और वे महाविष्णु के एक उच्छ्वास की अवधि तक जीवित रहते हैं। इस प्रकार हम कल्पना कर सकते हैं कि समस्त संसारों में, जो भगवान् के चतुर्थांश शक्ति के ही बराबर होते हैं, भगवान् के अवतार कैसे कार्य करते हैं।
मन्वन्तर अवतार चक्रधारी पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् के ही समान शक्ति से विभिन्न लोकों के दुष्ट शासकों को दण्डित करता है। मन्वन्तर अवतार भगवान् की दिव्य महिमाओं का प्रसार करते हैं।