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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति  »  अध्याय 7: विशिष्ट कार्यों के लिए निर्दिष्ट अवतार  »  श्लोक 33
 
 
श्लोक  2.7.33 
क्रीडन् वने निशि निशाकररश्मिगौर्यां
रासोन्मुख: कलपदायतमूर्च्छितेन ।
उद्दीपितस्मररुजां व्रजभृद्वधूनां
हर्तुर्हरिष्यति शिरो धनदानुगस्य ॥ ३३ ॥
 
शब्दार्थ
क्रीडन्—खेलते हुए; वने—वृन्दावन के जंगल में; निशि—रात्रि में; निशाकर—चन्द्रमा; रश्मि-गौर्याम्—श्वेत चाँदनी का; रास- उन्मुख:—रास करने के लिए इच्छुक; कल-पदायत—मधुर गीतों; मूर्च्छितेन—तथा मूर्च्छना (मधुर संगीत) समेत; उद्दीपित— जागृत; स्मर-रुजाम्—कामेच्छा; व्रज-भृत्—व्रजवासी; वधूनाम्—पत्नियों का; हर्तु:—हरण करने वाले का; हरिष्यति—काट लेंगे; शिर:—सिर; धनद-अनुगस्य—कुबेर के अनुचर का ।.
 
अनुवाद
 
 जब भगवान् वृन्दावनवासियों की पत्नियों में अपने मधुर तथा सुरीले गीतों द्वारा कामोत्तेजना जागृत करते हुए वृन्दावन में रासलीला में मग्न थे तो कुबेर के एक धनी अनुचर शंखचूड़ नामक राक्षस द्वारा गोपियों का हरण किये जाने पर भगवान् ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।
 
तात्पर्य
 यहाँ पर व्यक्त कथनों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि ये नारद के प्रति ब्रह्मा के वचन हैं। वे नारद से भगवान् के अवतार लेने के बाद की घटनाओं का उल्लेख कर रहे हैं। जो भूत, वर्तमान तथा भविष्य के ज्ञाता हैं उन्हें भगवान् की लीलाएँ ज्ञात हैं और ब्रह्माजी उनमें से एक हैं, अत: उन्होंने भविष्य में जो होगा उसकी भविष्यवाणी कर दी। भगवान् द्वारा शंखचूड़ का वध निकट की घटना थी, जो रासलीला के बाद घटी न कि उसके साथ साथ। पिछले श्लोकों में हम कालिया नाग को दण्ड देने की लीलाओं के साथ साथ दावाग्नि का वर्णन पढ़ चुके हैं। इसी तरह रासलीला और शंखचूड़ के वध का भी यहाँ वर्णन किया गया है। ये सारी घटनाएँ ब्रह्माजी द्वारा नारद से कही जाने के बाद भविष्य में घटित होनी हैं। भगवान् ने शंखचूड़ का वध होरिका लीला के अवसर पर फाल्गुन मास में किया और आज तक यह उत्सव सारे भारत में होली नाम से विख्यात है और भगवान् की होरिका लीला से एक दिन पूर्व यह उत्सव शंखचूड़ का पुतला जला कर मनाया जाता है।

सामान्य रूप से भगवान् अथवा उनके अवतारों के भावी प्राकट्य तथा उनके कार्यों का वर्णन धर्मग्रन्थों में भविष्यवाणी के रूप में किया जाता है, अत: छद्म अवतारी उन लोगों को धोखा नहीं दे पाते जो प्रामाणिक धर्म-ग्रन्थों के द्वारा घटनाओं से परिचित होते हैं।

 
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