देव-द्विषाम्—भगवद्भक्तों के प्रति ईर्ष्या रखने वालों का; निगम—चारों वेद; वर्त्मनि—के पथ पर; निष्ठितानाम्—भलीभाँति स्थिर हुओं का; पूर्भि:—प्रक्षेपास्त्रों (राकेटों) से; मयेन—परम विज्ञानी मय द्वारा; विहिताभि:—निर्मित; अदृश्य-तूर्भि:— आकाश में अलक्ष्य; लोकान्—विभिन्न लोक; घ्नताम्—संहार करने वालों का; मति-विमोहम्—मन का मोह; अतिप्रलोभम्— अत्यन्त आकर्षक; वेषम्—वेष, पहनावा; विधाय—ऐसा करके; बहु भाष्यते—अत्यधिक बातें करेगा; औपधर्म्यम्—उपधर्म ।.
अनुवाद
जब नास्तिक लोग वैदिक विज्ञान में अत्यन्त दक्ष बनकर परम विज्ञानी मय के द्वारा निर्मित श्रेष्ठ प्रक्षेपास्त्रों में चढक़र आकाश में अदृश्य उड़ते हुए विभिन्न लोकों के वासियों का संहार करेंगे, तो बुद्ध रूप में अत्यन्त आकर्षक वेष धारण करके भगवान् उनके मस्तिष्कों को मोह लेंगे और उन्हें उपधर्मों का उपदेश देंगे।
तात्पर्य
भगवान् बुद्ध का यह अवतार और आधुनिक मानव इतिहास के अवतारी बुद्ध एक नहीं हैं। श्रील जीव गोस्वामी के अनुसार, इस श्लोक में वर्णित बुद्ध अवतार एक अन्य कलियुग में हुआ था। एक मनु के जीवन काल में बहत्तर से अधिक कलियुग होते हैं और इनमें से एक में यहाँ पर वर्णित बुद्ध अवतार लेंगे। भगवान् बुद्ध का अवतार तब होता है जब लोग अत्यधिक भौतिकतावादी हो जाते हैं और तब वे सामान्य धर्म का उपदेश देते हैं। ऐसी अहिंसा स्वयं में धर्म न होकर धार्मिक लोगों का महत्त्वपूर्ण गुण होती है। यह एक सामान्य बुद्धि का धर्म है, क्योंकि इसमें मनुष्य को उपदेश दिया जाता है कि वह किसी पशु या जीवित प्राणी को हानि न पहुँचाये, क्योंकि उसके हानिकारक कर्म कर्ता को भी हानि पहुँचाने वाले होते हैं। किन्तु अहिंसा के इन सिद्धान्तों को सीखने के पूर्व, उसे दो अन्य नियम भी सीखने पड़ते हैं। ये हैं—विनम्र बनना तथा निरभिमानी होना। विनम्र तथा निरभिमानी बने बिना वह निरापद तथा अहिंसक नहीं बन सकता। अहिंसक बनने के बाद उसे सहिष्णुता तथा सादगी सीखनी पड़ती है। मनुष्य को महान् धर्मोपदेशकों तथा आध्यात्मिक नेताओं का सम्मान करना चाहिए और इन्द्रियों पर संयम रखने, घर तथा परिवार के प्रति विरक्त रहने और भगवान् की सेवा करने का अभ्यास करना चाहिए। अन्तत: उसे भगवान् को स्वीकार करके उनका भक्त बनना होता है अन्यथा यह धर्म नहीं कहलाता। धार्मिक सिद्धान्तों के केन्द्र में भगवान् होने अन्यथा सामान्य नैतिक उपदेश मात्र उपधर्म होते हैं, जो धर्म के ही निकट होते हैं।
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