[कृपया मुझे बताएँ] क्या विषैले सर्प तुल्य एवं अजेय भीम ने पापियों पर अपना दीर्घकालीन क्रोध बाहर निकाल दिया है? गदा-चालन के उसके कौशल को रण-भूमि भी सहन नहीं कर सकती थी, जब वह उस पथ पर चल पड़ता था।
तात्पर्य
भीम के बल से विदुर परिचित थे। जब भी भीम युद्धक्षेत्र में होता तो पथ पर उसकी पदचाप तथा उसके अद्भुत गदा-कौशल शत्रु के लिए असह्य होते। बलशाली भीम ने लम्बे समय तक धृतराष्ट्र के पुत्रों के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया। विदुर की जिज्ञासा थी कि क्या उसने अभी तक सताये हुए विषैले सर्प की भाँति अपना क्रोध बाहर निकाला है? जब सर्प लम्बेसमय से पनप रहे क्रोध के पश्चात् अपना विष छोड़ता है, तो शिकार जीवित नहीं रह सकता।
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