[कृपया मुझे बताएँ] कि अर्जुन, जिसके धनुष का नाम गाण्डीव है और जो अपने शत्रुओं का विनाश करने में रथियों में सदैव विख्यात है, ठीक से तो है? एक बार उसने न पहचाने जानेवाले छद्म शिकारी के रूप में आये हुए शिवजी को बाणों की बौछार करके उन्हें तुष्ट किया था।
तात्पर्य
शिवजी ने अर्जुन के बल की परीक्षा एक सुअर के शिकार को लेकर हुए झगड़े के द्वारा ली। उन्होंने शिकारी के छद्म वेश में अर्जुन का सामना किया। अर्जुन उन्हें तब तक बाणों से आच्छादित करता रहा जब तक कि वे अर्जुन के युद्ध से तुष्ट नहीं हो गये उन्होंने अर्जुन को पाशुपति अस्त्र दिया और आशीर्वाद दिया। यहाँ पर विदुर इसी महान् योद्धा की कुशलक्षेत्र के विषय में पूछ रहे हैं।
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