विदुर: उवाच—श्री विदुर ने कहा; अन्तर्हिते—अन्तर्धान होने पर; भगवति—भगवान् के; ब्रह्मा—प्रथम उत्पन्न प्राणी ने; लोक- पितामह:—समस्त लोकवासियों के दादा; प्रजा:—सन्तानें; ससर्ज—उत्पन्न किया; कतिधा:—कितनी; दैहिकी:—अपने शरीर से; मानसी:—अपने मन से; विभु:—महान् ।.
अनुवाद
श्री विदुर ने कहा : हे महर्षि, कृपया मुझे बतायें कि लोकवासियों के पितामह ब्रह्मा ने अन्तर्धान हो जाने पर किस तरह से अपने शरीर तथा मन से जीवों के शरीरों को उत्पन्न किया?
____________________________
All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥