विदुर ने कहा : मैं पितृलोकों, स्वर्गलोकों तथा मनुष्यों के लोक के निवासियों की आयु को समझ पाया हूँ। कृपया अब मुझे उन महान् विद्वान जीवों की जीवन अवधि के विषय में बतायें जो कल्प की परिधि के परे हैं।
तात्पर्य
ब्रह्मा के दिन की समाप्ति पर ब्रह्माण्ड का जो आंशिक विलय होता है उससे सारे लोक प्रभावित नहीं होते। अत्यधिक विद्वान जीवों, यथा सनक तथा भृगु के लोक कल्पों के प्रलयों से प्रभावित नहीं होते। सारे लोक विभिन्न प्रकार के हैं और इनमें से हर एक भिन्न कालचक्र द्वारा नियंत्रित होता है। पृथ्वी लोक का काल अन्य अधिक उच्चस्थ लोकों पर लागू नहीं होता। अतएव विदुर यहाँ पर अन्य लोकों की कालावधि के विषय में प्रश्न कर रहे हैं।
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