महान् देवहूति के पति कर्दम मुनि ब्रह्मा की छाया से प्रकट हुए। इस तरह सभी कुछ ब्रह्मा के शरीर से या मन से प्रकट हुआ।
तात्पर्य
यद्यपि प्रकृति के तीन गुणों में से सदैव एक की प्रधानता रहती है किन्तु वे कभी भी एक दूसरे से मिश्रित हुए बिना प्रदर्शित नहीं होते। यहाँ तक कि रजो तथा तमो इन दो निम्नतर गुणों की उपस्थिति में भी कभी-कभी सतोगुण का अंश रहता है। अत: ब्रह्मा के शरीर या मन से उत्पन्न सारे पुत्र रजोगुणी तथा तमोगुणी थे, किन्तु उनमें से कुछ, यथा कर्दम मुनि सतोगुण से उत्पन्न थे। नारद ब्रह्मा की दिव्य अवस्था में उत्पन्न हुए थे।
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