तो भी चारों ब्राह्मण मुनि उन्हें देखकर अतीव प्रसन्न थे और उन्होंने अपने सम्पूर्ण शरीरों में रोमांच का अनुभव किया। तब उन भगवान् से जिन्होंने अपनी योगमाया से परम पुरुष की बहुमुखी महिमा को प्रकट किया था, वे इस प्रकार बोले।
तात्पर्य
चारों मुनि भगवान् के समक्ष पहली बार बोलने में उलझन सी अनुभव कर रहे थे और अतीव हर्ष के कारण उन्हें रोमांच हो आया। भौतिक जगत का सर्वोच्च ऐश्वर्य पारमेष्ठ्य कहलाता है, जो कि ब्रह्मा का ऐश्वर्य है। किन्तु इस भौतिक जगत के सर्वोच्चलोक में रहने वाले ब्रह्मा का वह भौतिक ऐश्वर्य भगवान् के ऐश्वर्य की बराबरी नहीं कर सकता, क्योंकि आध्यात्मिक जगत में दिव्य ऐश्वर्य योगमाया द्वारा उत्पन्न होता है, जबकि भौतिक जगत में यह ऐश्वर्य महामाया द्वारा उत्पन्न होता है।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.