साध्वी दिति अपने गर्भ में स्थित सन्तानों से देवों के प्रति उपद्रव किये जाने के लिए अत्यधिक शंकालु थी और उसके पति ने भी यही भविष्यवाणी की थी। अत: उसने एक सौ वर्षों के गर्भकाल के पश्चात् जुड़वाँ पुत्रों को जन्म दिया।
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