प्रववु:—बह रही थी; वायव:—हवाएँ; चण्डा:—भयानक; तम:—अन्धकार; पांसवम्—धूल से उत्पन्न; ऐरयन्— फैल रहे थे; दिग्भ्य:—सभी दिशाओं से; निपेतु:—गिरे; ग्रावाण:—पत्थर; क्षेपणै:—मशीनगनों से; प्रहिता:—फेंके गये; इव—मानो ।.
अनुवाद
सभी दिशाओं से प्रचण्ड वायु बहने लगी और धूल तथा उपलवृष्टि से अन्धकार फैल गया, प्रत्येक दिशा से पत्थर गिरने लगे मानो वे मशीनगनों द्वारा फेंके जा रहे हों।
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