तानि—उन तत्त्वों का; च—यथा; एक-एकश:—पृथक्-पृथक्; स्रष्टुम्—उत्पन्न करने में; असमर्थानि—असमर्थ; भौतिकम्—भौतिक ब्रह्माण्ड; संहत्य—संगठित करके; दैव-योगेन—परमेश्वर की शक्ति से; हैमम्—सोने की तरह चमकीला; अण्डम्—गोलक; अवासृजन्—उत्पन्न किया ।.
अनुवाद
अलग-अलग रहकर ब्रह्माण्ड की रचना करने में असमर्थ होने के कारण वे परमेश्वर की शक्ति के सहयोग से संगठित हुए और फिर एक चमकीले अण्डे का सृजन करने में सक्षम छुए।
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All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥