स्वायंभुव मनु अपनी पत्नी सहित स्वर्णाभूषणों से सुसज्जित अपने रथ पर आरूढ़ हुए। अपनी पुत्री को भी उस पर चढ़ाकर वे समस्त भूमण्डल का भ्रमण करने लगे।
तात्पर्य
विश्व के सम्राट मनु चाहते तो अपनी पुत्री के लिए उपयुक्त पति की खोज के लिए कोई दूत नियुक्त कर सकते थे, किन्तु वे अपनी कन्या को, जैसे एक पिता को चाहिए, प्यार करते थे, अत: उसके लिए वर की तलाश करने केवल अपनी पत्नी सहित स्वर्णिम रथ पर आरूढ़ होकर अपने राज्य से रवाना हुए।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.