प्रिये देवहूति, तुम इतनी भयभीत क्यों हो? पहले स्वयं भगवान् विष्णु द्वारा निर्मित बिन्दु-सरोवर में स्नान करो, जो मनुष्य की समस्त इच्छाओं को पूरा करने वाला है और तब इस विमान पर चढ़ो।
तात्पर्य
आज भी तीर्थस्थानों में जाकर वहाँ जल में स्नान करने की प्रथा है। वृन्दावन में लोग यमुना नदी में स्नान करते हैं। अन्य स्थानों में भी, यथा प्रयाग में लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं। तीर्थम् आशिषां यापकम् शब्द तीर्थस्थानों में स्नान करने से मनोवांछित फल प्राप्त होने का संकेत करते हैं। कर्दम मुनि ने अपनी पत्नी को बिन्दु-सरोवर में स्नान करने के लिए कहा जिससे वह अपना पूर्व शारीरिक सौन्दर्य तथा कान्ति प्राप्त कर सके।
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