उसके तुरन्त बाद उसी दिन देवहूति ने नौ कन्याओं को जन्म दिया जिनके अंग अंग सुन्दर थे और उनसे लाल कमल की सी सुगन्धि निकल रही थी।
तात्पर्य
देवहूति अत्यधिक कामोत्तेजित थी जिससे उसके अधिक अण्डाणु स्खलित हुए और नौ कन्याएँ उत्पन्न हुईं। स्मृतिशास्त्र तथा साथ ही साथ आयुर्वेद में यह कहा गया है कि जब पुरुष का स्खलन अधिक होता है, तो पुत्र उत्पन्न होते हैं और जब स्त्री का स्खलन अधिक होता है, तो पुत्रियाँ होती हैं। परिस्थितियों से प्रतीत होता है कि देवहूति अधिक कामोत्तेजित थी, अत: उसने तुरन्त नौ कन्याओं को जन्म दिया। किन्तु सभी कन्याएँ अतीव सुन्दर थीं और उनके शरीर सुगठित थे, उनमें से प्रत्येक कमलपुष्प के समान थी और कमल के ही समान सुगन्धित भी।
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