कर्दम मुनि ने अपने पुत्री कला को मारीचि को और दूसरी कन्या अनुसूया को अत्रि को समर्पित कर दिया। श्रद्धा, हविर्भू, गति, क्रिया, ख्याति तथा अरुन्धती नामक कन्याएँ क्रमश: अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह, क्रतु, भृगु और वसिष्ठ को प्रदान की गईं।
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