कोमलता तथा कठोरता एवं शीतलता तथा उष्णता—ये स्पर्श को बताने वाले लक्षण हैं, जिन्हें वायु के सूक्ष्म रूप में लक्षित किया जाता है।
तात्पर्य
मूर्तरूप में होना स्वरूप का प्रमाण है। वास्तव में वस्तुओं को दो भिन्न प्रकार से समझा जाता है। वे या तो कोमल होती हैं या कठोर, शीतल अथवा गरम इत्यादि। स्पर्श इन्द्रिय की यह स्पर्शक्रिया आकाश से उत्पन्न वायु के विकास का प्रतिफल है।
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