अग्निदेव ने वागेन्द्रिय से उनके मुख में प्रवेश किया, किन्तु विराट-पुरुष उठा नहीं। तब वायुदेव ने घ्राणेन्द्रिय से होकर उनके नथुनों में प्रवेश किया, तो भी विराट-पुरुष नहीं जागा।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.