अतएव मैं आपसे उन लीलाओं का वर्णन करूँगा जिनके द्वारा भगवान् विराट जगत के क्रमबद्ध सृजन, भरण-पोषण तथा संहार के लिए अपनी दिव्य शक्ति का विस्तार करते हैं।
तात्पर्य
सर्वशक्तिमान भगवान् अपनी विभिन्न शक्तियों के द्वारा अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सकते हैं। विराट जगत की सृष्टि उनकी योगमाया शक्ति द्वारा की जाती है।
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