साङ्ख्यायन:—महर्षि सांख्यायन; पारमहंस्य-मुख्य:—समस्त अध्यात्मवादियों में प्रमुख; विवक्षमाण:—बाँचते समय; भगवत्- विभूती:—भगवान् की महिमाएँ; जगाद—बतलाया; स:—उसने; अस्मत्—मेरे; गुरवे—गुरु को; अन्विताय—अनुसरण किया; पराशराय—पराशर मुनि के लिए; अथ बृहस्पते: च—बृहस्पति को भी ।.
अनुवाद
सांख्यायन मुनि अध्यात्मवादियों में प्रमुख थे और जब वे श्रीमद्भागवत के शब्दों में भगवान् की महिमाओं का वर्णन कर रहे थे तो ऐसा हुआ कि मेरे गुरु पराशर तथा बृहस्पति दोनों ने उनको सुना।
____________________________
All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥