सर्व—समस्त; वेद-मयेन—पूर्ण वैदिक ज्ञान के अधीन; इदम्—यह; आत्मना—शरीर द्वारा; आत्मा—तुम; आत्म-योनिना— सीधे भगवान् से उत्पन्न; प्रजा:—जीव; सृज—उत्पन्न करो; यथा-पूर्वम्—पहले की ही तरह; या:—जो; च—भी; मयि—मुझमें; अनुशेरते—स्थित हैं ।.
अनुवाद
मेरे आदेशों का पालन करके तुम पहले की तरह अपने पूर्ण वैदिक ज्ञान से तथा सर्वकारण-के-कारण-रूप मुझसे प्राप्त अपने शरीर द्वारा जीवों को उत्पन्न कर सकते हो।
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