अत्रि मुनि यह देखकर अत्यधिक प्रमुदित हुए कि तीनों देव उन पर कृपालु हैं। उनके नेत्र उन देवों के शरीर के तेज से चकाचौंध हो गये, अत: उन्होंने कुछ समय के लिए अपनी आँखें मूँद लीं।
तात्पर्य
चूँकि तीनों देव मुस्करा रहे थे, अत: अत्रि मुनि समझ गये कि वे उन पर कृपावान हैं। उनका जाज्ज्वल्यमान शारीरिक तेज असह्य था, अत: अत्रि ने कुछ समय तक अपनी आँखें बन्द कर लीं।
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