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श्लोक 4.1.9  |
प्रियव्रतोत्तानपादौ मनुपुत्रौ महौजसौ ।
तत्पुत्रपौत्रनप्तृणामनुवृत्तं तदन्तरम् ॥ ९ ॥ |
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शब्दार्थ |
प्रियव्रत—प्रियव्रत; उत्तानपादौ—उत्तानपाद; मनु-पुत्रौ—मनु के दो पुत्र; महा-ओजसौ—महान् ओजस्वी, शक्तिशाली; तत्— उनके; पुत्र—पुत्र; पौत्र—पोता; नप्तृणाम्—नाती; अनुवृत्तम्—अनुगमन करते हुए; तत्-अन्तरम्—उस मनु-काल (मन्वतर) में ।. |
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अनुवाद |
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स्वायंभुव मनु के दोनों पुत्र, प्रियव्रत तथा उत्तानपाद अत्यन्त शक्तिशाली राजा हुए और उनके पुत्र तथा पौत्र उस काल में तीनों लोकों में फैल गये। |
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