तदा—उस समय; दुन्दुभय:—दुन्दुभी; नेदु:—बजने लगे; मृदङ्ग—मृदंग; पणव—ढोल; आदय:—इत्यादि.; गन्धर्व-मुख्या:— गन्धर्वलोक के मुख्य निवासी; प्रजगु:—गाने लगे; पेतु:—वर्षा की; कुसुम—फूल; वृष्टय:—वर्षा की तरह ।.
अनुवाद
उस समय ढोल, मृदंग तथा दुन्दुभी के शब्द आकाश से गूँजने लगे, प्रमुख-प्रमुख गंधर्व जन गाने लगे और अन्य देवताओं ने ध्रुव महाराज पर फूलों की मूसलाधार वर्षा की।
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